नयौ नेह नव रंग नयौ रस
नयौ नेह नव रंग नयौ रस, नवल स्याम वृषभानु किसोरी।
नव पीतांबर नवल चूनरी, नई नई बूंदनि भींजति गोरी।।
नव वृन्दावन हरित मनोहर, नव चातक बोलत मोर मोरी।
नव मुरली जु मलार नई गतिः, श्रवन सुनत आये घन घोरी।।
नव भूषन नव मुकुट विराजत, नई नई उरप लेत थोरी थोरी।
(जै श्री) हित हरिवंश असीस देत मुख, चिरजीवी भूतल यह जोरी।।
Hindi Translation:
आज नवल श्याम और नवल वृषभानु किशोरी में (परस्पर) नवीन स्नेह, नवीन आनन्द एवं नया ही रस भर रहा है। यहाँ श्याम सुन्दर का नया पीत पट है तो वहाँ वृषभानु किशोरी की नयी चूनरी । (उस नवल चूनरी को पहिने हुए) गोर...
Raag:
Malhar
Vaani:
श्री हित चौरासी जी