राधे देखि वन की बात
राधे देखि वन की बात।
रितु बसंत अनंत मुकुलित कुसुम अरु फल पात ॥
बैनुं धुनि नँदलाल बोली, सुनीSब क्यौं अर सात ।
करत कतSब विलंब भामिनि वृथा औसर जात ॥
लाल मरकत मनि छबीलौ तुम जु कंचन गात ।
बनी श्री हित हरिवंश जोरी उभै गुन गन मात ॥
Hindi Translation:
प्यारी राधे ! श्रीवृन्दावन की छटा तो देखो ! बसंत ऋतु अनन्त पुष्प फल और पत्रों से मुकुलित है-खिली हुई है। (ऐसे समय में) वेणु ध्वनि के द्वारा श्रीनन्द लाल ने तुम्हें बुलाया है फिर (तुम उस ध्वनि को सुनक...
Raag:
Basaṃta
Vaani:
श्री हित चौरासी जी