आजु प्रभात लता मंदिर में
आजु प्रभात लता मंदिर में,
सुख वरषत अति हरषि जुगल वर।
गौर स्याम अभिराम रंग भरे,
लटकि लटकि पग धरत अवनि पर॥
कुच कुमकुम रंजित मालावलि,
सुरत नाथ श्रीस्याम धाम धर ।
प्रिया प्रेम के अंक अलंकृत,
चित्रित चतुर सिरोमनि निजु कर॥
दंपति अति अनुराग मुदित कल,
गान करत मन हरत परस्पर ।
(जै श्री) हित हरिवंश प्रसंसि परायन,
गायन अलि सुर देत मधुर तर॥
Hindi Translation:
मंगल प्रभात की वेला में हर्षोन्मादित युगल किशोर अलसाये हुए लटक लटक कर लता भवन की मंजुल भूमि पर मादक गति से चलते हैं। वृन्दावन निकुञ धाम में सूरत-विलासी श्रीश्यामसुन्दर की मालाएँ श्रीराधा के हृदय देश ...
Raag:
Vibhāsa
Vaani:
श्री हित चौरासी जी