सुधंग नाचत नवल किसोरी
सुधंग नाचत नवल किसोरी ।
थेई थेई कहति चहति प्रीतम दिसि, वदन चंद मनौं त्रिषित चकोरी ।।
तान बंधान मान में नागरि देखत स्याम कहत हो हो होरी ।
(जै श्री) हित हरिवंश माधुरी अँग अँग, बरवस लियौ मोहन चित चोरी ।।
Hindi Translation:
नवल किशोरी राधिका आज सुधंग नृत्य नाच रही है और थेइ थेई कहते हुए अपने प्रियतम के मुख चन्द्र की ओर ऐसे देखती है जैसे ( रूप की ) प्यासी चकोरी । नृत्य गान की तान और उसके यथा स्थल बन्धान ( ठेका ) सहित नृत...
Raag:
Kānharau
Vaani:
श्री हित चौरासी जी